एक डकैत के नाम पर पड़ा था इस झरने का नाम जानिए टुंडा बरखा के बारे में।
चुड़ैल छज्जा ( टुंडा भरका ) के शैल चित्र
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक तीन से कुछ अंदर नेशनल पार्क की सीमा में पुरातत्व की अनमोल संपदा के रूप में कुछ गुहा शैल चित्र मिलते हैं। जिन्हें टुंडा भरका अथवा चुड़ैल छज्जा के शैल चित्र के नाम से जाना जाता है। यहां आदिमानव के जीवन से संबंधित अनेक भित्तिचित्र लाल गेरूये रंग से निर्मित हैं। पाए गये चित्रों में आदिमानव की कबीलाई संस्कृति, धनुषबाण से शिकार करते लोग, शिकार को खींच कर लाते व उसे आग में भूनते हुए लोग तथा उनके काले कलूटे बच्चे आदि प्रमुख हैं।
यह एक प्राकर्तिक झरना है। इस झरने का नामकरण एक डकैत के नाम पर किया गया है। इसके लिए कोई औपचारिक कार्यक्रम भले ही न हुआ हो पर इसे डकैत टुंडा भरका के नाम से ही जाना जाता है। भरका यानी प्राकर्तिक झरना।
शिवपुरी जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर टुंडा भरका एक बरसाती झरना है। पहाड़ियों पर इक्कट्ठा होने बाला बरसात का पानी लगभग 20 फ़ीट नीचे गिरता है। जंगल में स्थित इस मनोहारी नजारे को देखने के लिए हर साल सैलानी पहुँचते हैं।