पढ़िए शिवपुरी की सुंदरता तथा विशेषता
बतातीं हुईं कुछ पंक्तियां-
#शिव की नगरी शिवपुरी की लीला निराली है,
पवा जैसे पर्यटनस्थलों की अद्भुत छटा,लुभाती है।
सिद्धेश्वर,गोरखनाथ,चिंताहरण हनुमान मंदिर,
राधारमण,कालिया मर्दन,खेड़ापति मंदिर हैं।
आईटीबीपी की मान्य पूजनीय काली माता,
मंशापूर्ण हनुमान,सत्यनारायण,नवग्रह मंदिर हैं।
भदैया कुण्ड,गौमुख,रेस्टोरेंट,पर्यटक ग्राम यहां,
संख्या सागर,माधव लेक,रुकने सेलिंग क्लब है।
वन्यजीव संरक्षण को माधव नेशनल पार्क यहां,
जिसमें बहत से अद्भूत खो,प्रपात और झरने हैं।
अर्जुन के बाण से बनी,बाणगंगा(बाबन कुंड) यहां,
सिंधिया राजवंश के मां बेटे की सुंदर छत्रियां है।
अमर शहीद तात्याटोपे की बलिदान स्थली,
राजेश्वरी मंदिर,पोलोग्राउंड,बाबन कचहरी है।
जंगल में जार्ज कैसल के स्वागत में बनी कोठी,
बांकडे़ हनुमान,रणजीत हनुमान के मंदिर है।
हातोद में आजाद हिंद फौज के वीर सैनानी,
कर्नल जी.एस.ढिल्लन जी का समाधी स्थल है।
सुरवाया में प्राचीन गढ़ी,पांडव भी यहां ठहरे थे,
वन में बलारीमैया मंदिर,लक्खी मेला भरता है।
भूरा खो,भरका(डोंगर),शिव खो,टुण्डा भरखा,
चुडे़ल छाज में,शैलचित्र आदि मानव के बनाये है।
पहाड़ी पर गुफा में विराजते टपकेश्वर महादेव,
शिव लिंग पर,ऊपर से निरंतर जल टपकता है।
अटल सागर बांध पर,बिजली भी बनाई जाती है,
सिंध पर ही मोहनी सागर बांध,पास हरसी डेम है।
नरवर में नर श्रेष्ठ राजा नल का है,प्राचीन किला,
किले से ट्रेकिंग भी यहां पर की जा सकती है।
नो कुआं,सोलह बाबड़ी,पसर देवी का मंदिर है,
मोटा महादेव,चौदह महादेव,लोड़ी पूजी जाती है।
करैरा में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद,
वीर मंगल पाण्डे जी का समाधि स्थल पूज्य है।
किले में गुप्तेश्वर महादेव,महुअर किनारे गणेश हैं,
दिहायला झील में,विभिन्न विदेशी पक्षी आते है।
पोहरी में है,जल मंदिर और केदारेश्वर महादेव,
किले में मंदिर में विनायक गणेश विराजत है।
सेसई की प्राचीन गढ़ी,जैन मंदिर,वहीं पास है,
पारागढ़ जंगल में बीसभुजी,शनिदेव के मंदिर है।
राई में प्रसिद्ध भैरव मंदिर एवं राई रामेश्वर धाम,
पहाड़ के पत्थरों से वामावर्ती शंख,निकलते हैं।
रन्नौद के पास खोखई मठ,कभी शिक्षा केंद्र था,
गोदावरीधाम है,कोलारस में राई,पराई की पोर हैं।
खनियाधाना रियासत में,वीर चंद्रशेखर आजाद,
क्रांतिकारियों की,कर्मस्थली सीतापाठा कहलाती है।
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